Wednesday, August 8, 2018

मूर्ख कौन-

 हर बार की तरह विक्रम ने बेताल को कंधे पर टांगा और चल दिया । बेताल भी बहुत चालाक था उसने कहा राजन तुम बहुत मेहनती हो इतनी मेहनत क्यों करते हो ? एक कहानी सुनाता हूँ सुनो और मेरे प्रश्न का जवाब दो । बहुत समय पहले एक राजा था आलसी , भ्र्ष्ट और नकारा । उसके राज्य में कोई काम बिना पैसे लिए नही होता था । जनता ने त्रस्त होकर एक होनहार युवक को राजा बना दिया । ये राजा अद्भुत था लेकिन सख्त था । हर तरह के भ्र्ष्टाचार पर रोक लगाने के लिए लम्बी लम्बी योजनायें बनाई । युवाओं ने रोजगार मांगा तो कहा पहले सिस्टम सुधार लें ।अभी देश कर्ज में डूबा हुआ है रोजगार और नौकरी बांटने से देश दिवालिया हो जाएगा। आप लोग स्वरोजगार कर लो ।
   कुछ समय बाद उस आलसी और भ्र्ष्ट राजा ने गद्दारों से मिलकर फिर से  राज्य पर कब्जा कर लिया । ईमानदार राजा के समय से लेकर जितने पद खाली हुए थे सब पर लाखों रुपए घूस लेकर हज़ारों नियुक्तियां कीं । ईमानदार राजा हाथ मलता रह गया ।
  कहानी यहीं खत्म नही हुई मित्रों जनता ने फिर तख्ता पलट किया और ईमानदार राजा को फिर गद्दी दे दी लेकिन अब उसके पास जो अमला था वो उसकी हर योजना पर पानी फेर दे रहा था । बेताल ने विक्रम से पूछा राजन अब बताओ "मूर्ख कौन था "?  जवाब दोगे तो मैं वापस उड़ जाऊंगा और नही दोगे तो तुम्हारे सर के टुकड़े टुकड़े हो जाएंगे । आप ही बताइए विक्रम ने क्या जवाब दिया होगा?