Thursday, July 9, 2009

batti mere desh ki

१-दर्द से रिश्ते को पहचान गए
इसलिए मन की बात जन गए

२-जब मैं सोने को होता हूँ
बत्ती चली जाती है
मेरे देश की मेरे मन की
जब मैं खोने को होता हूँ

३-ढूंढो फिर इस दौर में अपने-२ यार
बहुमंजिले बाज़ार में खोया है संसार
(ललित)

One Day With Nature: GODDESS YAMUNA OR POLLUTED YAMUNA

One Day With Nature: GODDESS YAMUNA OR POLLUTED YAMUNA
sir your article forced us to think much much about our role.
thanks for this nice article.
yours'
Lalit

Monday, July 6, 2009

kash

महीनो बाद किसी उपग्रह की भांति
मौका मिलते ही सरकारी नौकरी में लिप्त पति घर आता है
"सॅटॅलाइट फॅमिली "का फर्ज निभा जाता है
"काश घरों में पहिये होते "
-(ललित)

Friday, July 3, 2009

aj ke din

१.कुँए में उतने लोग नहीं गिरे
जितने बोर वेल में गिरते हैं
क्योंकि वेल बोर्ड कुआँ
तुम्हारे गिरने की गारंटी है

२.बेबस लोकतंत्रदेखो,खाओ,चबाओ
फिर मुंह ढक कर सो जाओ.
३.तुम्हे मुबारक
तुम्हारी व्यवस्था
तुम्हारा तंत्र
भाड़ में जायकबाड़ में जाय .(ललित)

Wednesday, July 1, 2009

srajan

१.दुनिया है दुखों भरी सुखिया है संसार
जैसी मन की कल्पना वैसा ही विस्तार .
२.खूंटी पर ईमान है कूड़े में इंसाफ.
मस्जिद में सिजदा किये खुदा करे क्या माफ़ ..
३.नन्हे पंखों ने भरी नभ में नई उड़ान.
चाहत हिम्मत हौसला खग में फूंके जान ..(ललित)