Thursday, November 28, 2019

एक रोग ये भी-

पिछले रविवार को अखबार के मैट्रिमोनियल के विज्ञापन पर नज़र चली गई ।पहला कॉलम ब्राह्मणों का था कुछ कन्याओं या यूँ कहें महिलाओं के लिए वर की तलाश थी किसी विज्ञापन मे उम्र 30 साल थी किसी मे 40 और कही तो इससे भी ऊपर थी इनमे से अधिकतर की योग्यता पी जी या उससे ज्यादा थी कुछ तो नौकरी भी कर रहीं थीं । किसी किसी विज्ञापन में तो यहाँ तक लिखा था जाति बन्धन नहीं या सभी जाति मान्य । उत्सुकता वश लड़कों के विज्ञापन पर भी नज़र गई तो हालात यहां भी वही थे लड़के कम आदमी के विज्ञापन ज्यादा थे । प्रगति के इस दौर में जो प्रश्न मन मे कौंधा वो ये था कि युवा पीढ़ी इतनी देर से शादी क्यों कर रही है ?  ये किसी एक समाज की दशा नही है वरन हर समाज मे यही हो रहा है उसके पीछे एक तो कैरियर बनाने का चक्कर है कैरियर बन गया तो बराबरी का साथी चाहिए  । जिसे मिलने में कई मुश्किलें हैं मध्यस्थ रहे नही या अब कोई मध्यस्थता करना नही चाहता ,मां- बाप की सलाह सुननी नहीं तो समय से शादी कैसे हो । जब शादी की उमर है तो युवा पीढ़ी की अपनी जिद है समाज उनके लिए ठेंगें पर है । जब शादी का मन है तो मैच नही । मैच भी मिल गया तो बच्चे नही हो रहे बच्चे हो भी गए तो टेढ़े मेढ़े  हो रहे । अब वो तो होंगे ही बॉयोलॉजी कैरियर के लिए तो रुकेगी नही । तो ivf सेंटर की चांदी तो होनी ही है । सरकार नौकरी की उम्र सीमा बढ़ाती जा रही है उसी अनुपात में अधेड़ दूल्हे और दुल्हन भी बढ़ रहे हैं एक ऐसी नई पीढ़ी पैदा हो रही है जो दादा दादी या नाना नानी देखने को सौभाग्य समझेगी । समाज के इस रोग को जल्द ही पकड़ना होगा नही तो हर गली मोहल्ले में आई वी एफ सेंटर नज़र आएंगे । संपन्नता तो सम्पूर्ण होगी लेकिन सन्तान की विपन्नता उस पैसे से नही भर सकेंगी। और हाँ जब 40 साल के हो गए तो जाति बन्धन तो मजबूरी में हटाना पड़ेगा। समाज क्या खाक मदद करेगा वो तो वैसे भी अमूर्त ही है। -(साभार )

Sunday, October 6, 2019

Brains and drains-

Countries
Only political boundaries
For great brains
'O' dear birds , river and drains
Why you do not follow countries' rules.
Do you know visa is compulsory
'O' dear friends -said the drains
Boundaries are only for brains, not for drains.-Lalit