Tuesday, August 18, 2009

kuchh naya

ढूंढो फिर इस दौर में अपने-२ यार
बहुमंजिले बाज़ार में खोया है संसार .
भाग दौड़ में शहर धुत राजनीति में
गाँव ओ सुकून तू है कहाँ मनवा पूछे ठांव ?
-ललित

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