Saturday, July 23, 2011

जागो फिर एक बार

एक बात मैं भी कहना चाहता हूँ कि लोगों को इस बात से परेशानी क्यों होती है कि क्रांति का बिगुल कौन फूंक रहा है ? परेशान तो सभी हैं भ्रष्टाचार और काले धन से . यदि किसी का नेतृत्व पसंद नहीं तो आपको भी आन्दोलन करने से किसी ने रोका नहीं है आप भी करिए लफ्फाजी से क्या होगा ? लेकिन इतना जरूर है कि हमारा मकसद एक ही है कि भ्रष्टाचार पर करारा हमला हो चाहे अन्ना करें ,रामदेव करें या कोई और ये आप भी हो सकते हैं .हमेशा मध्यवर्ग ही क्रांति में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता है जिसको पेट भरने के लिए दिन भर संघर्ष करना पड़ रहा है वो अपनी दिहाड़ी छोड़ कर धरना देने नहीं आएगा लेकिन उसका भी समर्थन आपको मिल रहा है वो भी चाहता है कि देश महान बने भ्रष्टाचार मुक्त बने .आखिर हम भी तो संकल्प ले सकते हैं कि हमारा काम हो चाहे न हो हम रिश्वत नहीं देंगे . ये एक लम्बी लड़ाई है आपसी मतभेद से हम कमजोर हो सकते हैं .

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