Sunday, January 15, 2012

नेति-नेति

मै क्या हूँ -मै क्या करूँ?
मै प्रोफ़ेसर नहीं क़ि गुटबाजी करूँ
मै ब्रोकर भी नहीं क़ि सट्टे बाज़ी करूँ
मै पत्रकार भी नहीं क़ि ब्रेकिंग न्यूज़ प्रसारित करूँ
मै इंजीनियर भी नहीं क़ि किसी बिल्डिंग के नीचे तुम्हे दफ़न कर दूँ
मै क्या हूँ -मै क्या करूँ?

मै डाक्टर नहीं क़ि तुम्हारी किडनी बेच डालूं
मै मास्टर नहीं क़ि टयूसन न करने वालों को फेल कर डालूं
मै एम बी ऐ भी नहीं क़ि टाई लगा कर साबुन बेच डालूं
और मै बिल्डर भी नहीं जो तुम्हारी खेती उजाड़ डालूं
मै क्या हूँ -मै क्या करूँ?

मै नेता नहीं जो तुमसे कमीशन वसूलूं
मै अभिनेता नहीं जो तुम्हारे जज्बातों से खेलूं
मै गुंडा भी नहीं जो तुमसे हफ्ता वसूलूं
मै व्यापारी भी नहीं जो तुम्हे मिलावटी ढंग से तौलूं
मै क्या हूँ -मै क्या करूँ?

मै वकील नहीं जो तुम्हे कचेहरी में यमलोक दिखा सकूँ
मै अधिकारी भी नहीं जो तुम्हारी चमड़ी नोच सकूँ
मै कर्मचारी भी नहीं जो घूस के लिए तुम्हारी फाइल दबा सकूँ
मै कथा वाचक भी नहीं जो चैनलों पर तुम्हे बरगला सकूँ
मै विद्वान् भी नहीं क़ि हर बात पर अकड़ सकूँ
मै क्या हूँ -मै क्या करूँ?

सुना है मुझे तुम आम आदमी कहते हो
जिसे न अपना फेस पता है न अपनी बुक
तुम्हारी फेसबुकिया बेचैनी को जानकर तसल्ली हुई
सोचता हूँ उसे सत्तू में डालकर चटनी के साथ खाऊंगा
सदियों की भूख मिटाऊंगा -
और धन्य हो जाऊंगा -"ललित "

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