Friday, February 3, 2012

विपश्यना

विपश्यना भारत की प्राचीन ध्यान पद्द्यति है जो हमारे ऋषियों द्वारा खोजी गयी थी । धीरे-धीरे यह ध्यान विद्या भारत से विलुप्त हो गयी । तिब्बत एवं बर्मा के साधकों ने जो इसे भारत से सीख कर अपने देश ले गए थे गुरु शिष्य परंपरा के द्वारा इसे जीवित रखा । ये विद्या फिर से भारत लौटी । इस ध्यान विद्या को फैलाने में सत्यनारायण गोयनका ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है । मैंने इसके १० दिवसीय शिविर में प्रतिभाग किया है मेरा अनुभव बहुत ही सुखद रहा है .स्वयं को जान ने का यह एक बेहतरीन माध्यम है जो मनुष्य की अपार संभावनाओं के द्वार खोलता है । अनुभव अवर्णनीय है ज्यादा क्या कहूँ कुछ चीजें अनुभव से ही समझी जा सकती हैं । विस्तृत विवरण के लिए क्लिक करें-
http://www.vridhamma.org/

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