सुना है कुछ लोग डिनर से पैसा इकठ्ठा कर रहे हैं.…
किसी के साथ खाना खाने के लिए चन्दा देने की क्या जरुरत ?
जितने लाख रूपये डिनर में दिया उतने में तो सैकड़ों गरीबों-जरूरतमंदों को खुद खिला सकते थे
किसी भी गरीब के घर जाइये - खाइये - वो भले ही भूखा हो आपको खिलायेगा -पैसा तो कत्तई नहीं मांगेगा
आखिर ये भारत की सनातनी संस्कृति है अमेरिका की नहीं , हम कितना भी गिर जाएं भौतिकता का नशा अभी इतना भी नहीं चढ़ा।-(सत्यमेव जयते)
किसी के साथ खाना खाने के लिए चन्दा देने की क्या जरुरत ?
जितने लाख रूपये डिनर में दिया उतने में तो सैकड़ों गरीबों-जरूरतमंदों को खुद खिला सकते थे
किसी भी गरीब के घर जाइये - खाइये - वो भले ही भूखा हो आपको खिलायेगा -पैसा तो कत्तई नहीं मांगेगा
आखिर ये भारत की सनातनी संस्कृति है अमेरिका की नहीं , हम कितना भी गिर जाएं भौतिकता का नशा अभी इतना भी नहीं चढ़ा।-(सत्यमेव जयते)
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