Dear friends
This message is for all of you
Do you think that "Politics is bad"
That is why you keep distance with politics?
if yes then think again................................
Politics is not bad but it appears like that because bad elements are more there because
good people refused to go there....this is need of Time that good people like engineer,management students ,technical experts,doctors etc. should take active participation in politics to lead the nation,to speed up the growth of nation.-Lalit
Monday, October 12, 2009
Tuesday, September 15, 2009
mobile=sukoon bhang yantra
चैन सुख शांति सब खो जाती है
जब मेरे मोबाइल की घंटी घनघनातीhai
Isee दहसत में अक्सर जीता हूँ
क्या पता कॉल किसकी आती है
मेरी रिंग टोन में गाने हैं बहुत
बेबसी मेरी छट पटाती है
मुझे छोडो मेरे ज़माने में
मेरी दादी मुझे बुलाती है.-Lalit
जब मेरे मोबाइल की घंटी घनघनातीhai
Isee दहसत में अक्सर जीता हूँ
क्या पता कॉल किसकी आती है
मेरी रिंग टोन में गाने हैं बहुत
बेबसी मेरी छट पटाती है
मुझे छोडो मेरे ज़माने में
मेरी दादी मुझे बुलाती है.-Lalit
Friday, September 11, 2009
shakahar
shakahar ki nai paribhasha kuchh is tarah mani gayee "jisme animal DNA na ho wah shakahar me hoga". In this way egg is non-vegetarian and milk is vegetrian.
Tuesday, September 1, 2009
Tuesday, August 18, 2009
kuchh naya
ढूंढो फिर इस दौर में अपने-२ यार
बहुमंजिले बाज़ार में खोया है संसार .
भाग दौड़ में शहर धुत राजनीति में
गाँव ओ सुकून तू है कहाँ मनवा पूछे ठांव ?
-ललित
बहुमंजिले बाज़ार में खोया है संसार .
भाग दौड़ में शहर धुत राजनीति में
गाँव ओ सुकून तू है कहाँ मनवा पूछे ठांव ?
-ललित
Sunday, August 9, 2009
Thursday, July 9, 2009
batti mere desh ki
१-दर्द से रिश्ते को पहचान गए
इसलिए मन की बात जन गए
२-जब मैं सोने को होता हूँ
बत्ती चली जाती है
मेरे देश की मेरे मन की
जब मैं खोने को होता हूँ
३-ढूंढो फिर इस दौर में अपने-२ यार
बहुमंजिले बाज़ार में खोया है संसार
(ललित)
इसलिए मन की बात जन गए
२-जब मैं सोने को होता हूँ
बत्ती चली जाती है
मेरे देश की मेरे मन की
जब मैं खोने को होता हूँ
३-ढूंढो फिर इस दौर में अपने-२ यार
बहुमंजिले बाज़ार में खोया है संसार
(ललित)
One Day With Nature: GODDESS YAMUNA OR POLLUTED YAMUNA
One Day With Nature: GODDESS YAMUNA OR POLLUTED YAMUNA
sir your article forced us to think much much about our role.
thanks for this nice article.
yours'
Lalit
sir your article forced us to think much much about our role.
thanks for this nice article.
yours'
Lalit
Monday, July 6, 2009
kash
महीनो बाद किसी उपग्रह की भांति
मौका मिलते ही सरकारी नौकरी में लिप्त पति घर आता है
"सॅटॅलाइट फॅमिली "का फर्ज निभा जाता है
"काश घरों में पहिये होते "
-(ललित)
मौका मिलते ही सरकारी नौकरी में लिप्त पति घर आता है
"सॅटॅलाइट फॅमिली "का फर्ज निभा जाता है
"काश घरों में पहिये होते "
-(ललित)
Friday, July 3, 2009
aj ke din
१.कुँए में उतने लोग नहीं गिरे
जितने बोर वेल में गिरते हैं
क्योंकि वेल बोर्ड कुआँ
तुम्हारे गिरने की गारंटी है
२.बेबस लोकतंत्रदेखो,खाओ,चबाओ
फिर मुंह ढक कर सो जाओ.
३.तुम्हे मुबारक
तुम्हारी व्यवस्था
तुम्हारा तंत्र
भाड़ में जायकबाड़ में जाय .(ललित)
जितने बोर वेल में गिरते हैं
क्योंकि वेल बोर्ड कुआँ
तुम्हारे गिरने की गारंटी है
२.बेबस लोकतंत्रदेखो,खाओ,चबाओ
फिर मुंह ढक कर सो जाओ.
३.तुम्हे मुबारक
तुम्हारी व्यवस्था
तुम्हारा तंत्र
भाड़ में जायकबाड़ में जाय .(ललित)
Wednesday, July 1, 2009
srajan
१.दुनिया है दुखों भरी सुखिया है संसार
जैसी मन की कल्पना वैसा ही विस्तार .
२.खूंटी पर ईमान है कूड़े में इंसाफ.
मस्जिद में सिजदा किये खुदा करे क्या माफ़ ..
३.नन्हे पंखों ने भरी नभ में नई उड़ान.
चाहत हिम्मत हौसला खग में फूंके जान ..(ललित)
जैसी मन की कल्पना वैसा ही विस्तार .
२.खूंटी पर ईमान है कूड़े में इंसाफ.
मस्जिद में सिजदा किये खुदा करे क्या माफ़ ..
३.नन्हे पंखों ने भरी नभ में नई उड़ान.
चाहत हिम्मत हौसला खग में फूंके जान ..(ललित)
Sunday, June 28, 2009
hyku
१-कुछ काम था इसलिए आये आपकी तारीफ में डूबे उतराए - मौकाटेरियन२-तारीखें और कैलेंडर वक्त आने पर बदल जाते हैं जैसे इस दौर का आदमी बहुत छोटी सी बानगी ३-बेबस लोकतंत्र -देखो ,खाओ ,चबाओ और फिर मुंह ढककर सो जाओ -ललित
Tuesday, June 16, 2009
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