Jhallarmallarduniya
Saturday, May 14, 2011
सियासी लोग
नदी के घाट पर यदि कुछ सियासी लोग बस जाएँ
तो प्यासे होंठ एक - एक बूँद पानी को तरस जाएँ
गनीमत है क़ि मौसम पर हुकूमत चल नहीं सकती
नहीं तो सारे बादल इनके खेतों में बरस जाएँ .--जमुना प्रसाद उपाध्याय (फैजाबाद )
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