Wednesday, September 7, 2011

निर्झर जी की कलम से

निर्झर जी की कलम से -
नारायण दास निर्झर जी {शिकोहाबाद (09758945957) }
की कुछ अनमोल पंक्तियाँ -

कुटी में संत की महलों सा परकोटा नहीं होता
यहाँ पर शाह सूफी में बड़ा छोटा नहीं होता
ये कैसे संत हैं जिनसे न माया छूट पाती है
जो सच्चे संत हैं उन पर तवा लोटा नहीं होता .

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