Friday, November 11, 2011

बाकी सब ठीक है

कहने के लिए भारतीय लोकतंत्र में कोई भी चुनाव लड़ सकता है जो भारत का नागरिक है और पागल या दिवालिया नहीं है और निर्धारित उम्र पूरी कर चुका होहोरी ने चुनाव लड़ने की सोची है उसको नहीं पता की परधानी में खर्चा लाख,विधायकी में ३० लाख और सांसदी में ९० लाख आता हैपढ़े लिखे मतदाता जो भारत की तस्वीर बदलना चाहते हैं धूप में वोट देने नहीं जा सकते और जो वोट देने के लिए दिहाड़ी छोड़ कर जाते हैं वे वोट का सौदा करना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें पता है क़ि ये मौका साल में सिर्फ एक बार ही मिल सकता हैदेश में लगभग . करोड़ मतदाता जो सरकारी कर्मचारी हैं अपने वोट का इस्तेमाल नहीं कर पाते विशेषकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ड्यूटी के टेंशन में वोट देने का कर्त्तव्य निभाना मुश्किल हो जाता हैये . करोड़ ऐसे हैं जो चुनाव लड़ भी नहीं सकतेबाकी सब ठीक है

No comments:

Post a Comment