Friday, June 8, 2012

भ्रष्टाचार के प्राइवेट नमूने -
(सीरीज-2)
NGO-(अपवाद हर जगह हैं लेकिन सभी अपवाद नहीं हैं )
गैर सरकारी संगठन जो देश की निष्काम सेवा का दंभ भरते हैं उनमें से कुछ ही धरातल  पर नज़र आते हैं  बाकी कागजों पर चलते हैं और देश-विदेश से प्राप्त अनुदान हज़म करते रहते हैं . लखनऊ -दिल्ली -मुंबई  जैसे किसी एक महानगर की अगर बात की जाय तो हजारों NGO रजिस्टर्ड हैं जिनके बायलाज में सेवा का दावा तो सम्पूर्ण भारत के लिए है लेकिन इनकी सीमा इनके फर्जी कार्यालयों तक ही सीमित है .बहुत से NGO में काम करने वाले नौजवान मनरेगा से भी कम मजदूरी/वेतन  पाते हैं जबकि मालिक अपने  कुत्तों के साथ देश-विदेश की हवाई यात्राएं करते रहते हैं  .जितने NGO / ट्रस्ट हिंदुस्तान में हैं अगर एक-एक गाँव गोद लेते तो इस देश की तस्वीर ही कुछ और होती .(अपवाद हर जगह हैं लेकिन सभी अपवाद नहीं हैं )

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