आजादी के कुछ वर्षों बाद एक ऐसा वाक्या हुआ जो हम सबके लिए विशेषकर उत्तर भारत राज्यों के लिए एक नसीहत हो सकती है -
तत्कालीन बॉम्बे में क्षेत्र- वादियों / कट्टरपंथियों ने साउथ इंडियन मजदूरों के खिलाफ एक नारा दिया -
"बजाओ पुंगी
भगाओ लुंगी"
उसके बाद साउथ इंडियन मजदूरों पर हमले होने लगे और उन्हें बॉम्बे छोड़कर भागना पड़ा। इस अपमान के बाद उन्होंने बॉम्बे जाना छोड़ दिया और तमिलनाडु को इंडस्ट्रियल हब बना दिया विशेषकर मद्रास को।
आज भी हमारे बीमारू *(bihar ,मप्र ,Rajasthan ,UP ) राज्य के लोग ट्रेनों में भेड़ ,बकरियों की तरह भरकर रोजगार तलाशने गुजरात ,मुम्बई जाते हैं। काश हम भी उस घटना से कुछ सीख पाते ,अपने को औद्योगिक रूप से मजबूत कर पाते -जिसका उदाहरण साउथ इंडियन नेतृत्व ने बहुत पहले दे दिया था : -(सत्यमेव जयते )
तत्कालीन बॉम्बे में क्षेत्र- वादियों / कट्टरपंथियों ने साउथ इंडियन मजदूरों के खिलाफ एक नारा दिया -
"बजाओ पुंगी
भगाओ लुंगी"
उसके बाद साउथ इंडियन मजदूरों पर हमले होने लगे और उन्हें बॉम्बे छोड़कर भागना पड़ा। इस अपमान के बाद उन्होंने बॉम्बे जाना छोड़ दिया और तमिलनाडु को इंडस्ट्रियल हब बना दिया विशेषकर मद्रास को।
आज भी हमारे बीमारू *(bihar ,मप्र ,Rajasthan ,UP ) राज्य के लोग ट्रेनों में भेड़ ,बकरियों की तरह भरकर रोजगार तलाशने गुजरात ,मुम्बई जाते हैं। काश हम भी उस घटना से कुछ सीख पाते ,अपने को औद्योगिक रूप से मजबूत कर पाते -जिसका उदाहरण साउथ इंडियन नेतृत्व ने बहुत पहले दे दिया था : -(सत्यमेव जयते )
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