Jhallarmallarduniya
Wednesday, June 15, 2011
बिखरा हुआ सा कुछ
अपना गम ले के कहीं और न जाया जाये
घर में बिखरी हुई चीजों को सजाया जाये
घर से बहुत दूर है मस्जिद तो चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चों को हंसाया जाये - निदा फाजली
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