अधूरेपन का मसला जिन्दगी भर हल नहीं होता
कहीं आँखें नहीं होतीं कहीं काजल नहीं होता
कहानी कोई भी अपनी भला पूरी करे कैसे
किसी का आज खोया है किसी का कल नहीं होता
अज़ब सी बात है अस्सी बरस की जिन्दगी में भी
जिसे जिस पल की चाहत है वही एक पल नहीं होता
सभी से तुम लगा लेते हो उम्मीदे वफ़ा लेकिन
लिए पैगाम सावन का हर -एक बादल नहीं होता -
-(जैसा अरविन्द पाण्डेय उप -जिलाधिकारी हरिद्वार ने sms से भेजा )
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