गिला शिकवा भी न हो यार जरूरी तो नहीं
कभी तुझसे न हो तकरार जरूरी तो नहीं
बेचैन लम्हा, उदास वक़्त व् चेहरे की शिकन
जिन्दगी भर यही त्यौहार जरूरी तो नहीं
मायने की तलाश और तलाश के मानी
कदम-दर-कदम इंतजार जरूरी तो नहीं
तुम्ही थोडा चले आते जरा सी ही तो जहमत थी
हमी हरदम रहें लाचार जरूरी तो नहीं
तेरी चौखट पे माथा, मन्नतें ,धागे औ जियारत
बुढ़ापे में ही हो एतबार जरूरी तो नहीं
बहुत बहका रहा बातों में तेरी सब्र करो -सब्र करो
बहला फुसला लोगे हर बार जरूरी तो नहीं
नुख्श हर बार मेरा ये है तसल्ली का सबब
हर बार मैं ही गुनहगार जरूरी तो नहीं - "ललित"
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