रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
जैसे तुझे आते हैं ' न आने' के बहाने
वैसे ही किसी रोज़ 'न जाने' के लिए आ- (फरहाज़ अहमद फरहाज़ )
जैसा मनीष तिवारी ने sms से भेजा .
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
जैसे तुझे आते हैं ' न आने' के बहाने
वैसे ही किसी रोज़ 'न जाने' के लिए आ- (फरहाज़ अहमद फरहाज़ )
जैसा मनीष तिवारी ने sms से भेजा .
No comments:
Post a Comment