Tuesday, September 1, 2020

बेजुबानों के मसीहा -

बेजुबानों के मसीहा - कहते हैं कि देवत्व एक गुण है उतर आए तो दुनिया स्वर्ग बन जाए । ऐसा ही कुछ किया है हरिद्वार के युवाओं ने वैसे तो ये पढ़ाई भी करते हैं , अपना बिजनेस भी करते हैं लेकिन जानवरों के प्रति इनका लगाव अनूठा है । फीड स्ट्रे एनिमल संस्था से जुड़े ये युवा रोज जानवरों को खाना खिलाते हैं लेकिन जो अभिनव प्रयोग ये कर रहे हैं उसकी तारीफ जरूर होनी चाहिए । इनकी टीम को ये लगा कि रात्रि में जानवर दिखाई न देने से गाड़ी वाले अक्सर इन्हे टक्कर मार देते थे जिससे ये बेजुबान या तो अपना जीवन खो देते थे या हमेशा के लिए अपंग हो जाते थे फिर इनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं । नवदीप अरोड़ा और रुचि की टीम ने इस पीड़ा को महसूस ही नहीं किया बल्कि 40-50 युवाओं की टीम के साथ रिफ्लेक्टर वाला कालर इन जानवरों को पहनाना शुरू किया । ये काम इतना आसान नहीं था बहुत से जानवर रिएक्ट भी करते थे लेकिन इन युवाओं ने बहुत से जानवरों जैसे गाय और कुत्तों को रिफ्लेक्टर युक्त कॉलर पहनाए जिससे बहुत सी दुर्घटनाएं अपने आप थम गईं । शुरू- शुरू में इस टीम को रिफ्लेक्टर ऑटो गैराज की दुकान से मांग कर लेना पड़ा, जब इनका अभियान सफल हुआ तो बड़े स्केल पर मंगाना पड़ रहा है। टीम के इस अभियान को जनता और अधिकारियों का भी समर्थन मिलने लगा । फिलहाल टीम आवारा पशुओं और सायकिल मजदूर पर फोकस कर रही है जहां ये कॉलर और स्टिकर अभियान चला रहे हैं । टीम रोज अपने अभियान को नए आयाम देने में लगी है । ऐसी अनोखी पहल हर जगह हो जाय तो दुर्घटनाएं अपने आप कम हो जाय । ये युवा भारत है जो किसी के भरोसे नहीं अपने दम पर बदलाव की उड़ान भर रहा है ।>










 

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